Facts About Shodashi Revealed
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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
The Sri Chakra is usually a diagram formed from 9 triangles that encompass and emit out with the central issue.
The supremely wonderful Shodashi is united in the heart in the infinite consciousness of Shiva. She removes darkness and bestows light.
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
Her legacy, encapsulated in the vibrant traditions and sacred texts, continues to guideline and encourage These on The trail of devotion and self-realization.
हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः
लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः
The noose symbolizes attachments, whereas the goad represents contempt, the sugarcane bow check here displays dreams, along with the flowery arrows signify the five feeling organs.
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
Shodashi also means sixteen as well as the belief is the fact within the age of sixteen the physical overall body of the individual attains perfection. Deterioration sets in soon after sixteen years.